
कोयला कांटे पर अनुमानित भार से ज्यादा कोयला लोड कर अवैध कोयले के कारोबार को नया रूप देने के प्रयास को एनसीएल सुरक्षा विभाग ने विगत दिनों पकड़ा था। लेकिन 10 दिन बाद भी विभागीय जांच के नाम पर पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डालने का प्रयास जारी है। कोयला कांटा बाबू की घोर लापरवाही उजागर होने के बाद प्रबंधन कुछ भी कहने से बचता दिखा और सुरक्षा विभाग की मुस्तैदी का हवाला देते हुए अपनी पीठ थपथपाई।
दरअसल पूरा मामला एनसीएल दुद्धीचुआ परियोजना से जुड़ा हुआ है। जहां विगत दिनों कोयला कांटे पर वजन के बाद तीन ट्रकों पर शक होने पर उनका दोबारा वजन कराया गया। जिसमें दो ट्रक के पूर्व में हुए वजन व दोबारा वजन कराने में लगभग 16 टन का अंतर आया। पूरे मामले में एनसीएल दुद्धीचुआ सुरक्षा विभाग की मुस्तैदी के कारण कांटे में भारी चूक को पकड़ा गया।
एनसीएल दुद्धीचुआ क्षेत्र के कोयला ढुलाई में लगे डिओ नंबर 125 के ट्रक संख्या यूपी 67 एटी 3646, यूपी 50 सीटी 3630 और डीओ नंबर 142 की गाड़ी संख्या सीजी 15 डीएच 9056 पर लदे कोयले को देखकर शक होने पर दोबारा वजन कराया गया तो ट्रक संख्या यूपी 67 एटी 3646 का वजन लगभग 39 टन आया, जबकि पूर्व में इसका वजन लगभग 24 टन था।

इसी प्रकार गाड़ी संख्या यूपी 50 सीटी 3630 का वजन लगभग 47 टन आया, जबकि पूर्व में इसका वजन लगभग 30 टन था। तीसरी गाड़ी सीजी 15 डीएच 9056 का वजन पूर्व में किए गए वजन के लगभग 42 टन के बराबर ही पाया गया।
कब से हो रहा कांटे पर ओवरलोड का खेल ? –
कोयला कांटे पर कोयला लदे ट्रक-ट्रेलरों के तौल करने में लगभग 15 टन अधिक कोयले का अंतर भारी गड़बड़ी की ओर इशारा करता है और जांच का विषय है कि आखिर यह खेल कितने दिनों से जारी था? एनसीएल प्रबंधन को यह भी जांच करना चाहिए कि कोयला कांटे पर ऐसे कौन से कर्मचारी सक्रिय हैं जो परियोजना को दीमक की तरह चाटकर खोखला कर रहे हैं। एनसीएल दुद्धीचुआ सुरक्षा विभाग की औचक निरीक्षण में अनियमितता पकड़ी गई, लेकिन इस बात का खुलासा नहीं हुआ कि आखिर यह चूक हुआ कैसे ?
यदि कोयला कांटे में गड़बड़ी थी तो इन दो ट्रकों में ही 15 टन अधिक लोड कोयला क्यों पकड़ाया, बाकी ट्रक वजन में सही पाए गए। दो ट्रकों में अधिक लोड कोयला मिलना साफ तौर पर इशारा करता है कि कोयला कांटे पर गड़बड़झाला चल रहा है, यह जांच का विषय है।
कांटे पर पकड़ाया ओवरलोड का खेल पर नहीं हुई थाने में शिकायत –
एनसीएल दुद्धीचुआ क्षेत्र के कोयला कांटे पर ओवरलोड कोयले के खेल को पकड़ा गया लेकिन स्थानीय थाने में शिकायत करने के बजाए प्रबंधन ने विभागीय जांच को वरीयता दिया। साफ तौर पर कोयला कांटे पर कोयला चोरी के प्रयास के नायाब तरीके को सुरक्षा विभाग द्वारा उजागर करने के बाद भी स्थानीय थाने में सूचना ना देना, कोयले के खेल होने की ओर इशारा करता है या प्रबंधन में कांटा बाबू की धमक दर्शाता है।
गहन जांच हो तो कईयों के चेहरे पर पूतेगी कालिख –
काले हीरे के काले खेल का कारोबार बदस्तूर जारी रहता है। ऐसा प्रतीत होता है कि कोयले का काला खेल सिस्टम का हिस्सा हो गया है। चोरियां पकड़ी जाती हैं, सिंडिकेट का सरगना जांच से कोसों दूर रहता है और कुछ छुटभैय्ए लोगों पर कारवाई कर पूरे मामले को ठंडे बस्ते में डाल दिया जाता है। एनसीएल प्रबंधन यदि सघनता से जांच कराए तो कईयों के चेहरे पर कालिख पूतेगी और ईमानदारी का चोला पहनकर दीमक की तरह एनसीएल को चाट रहे अधिकारियों व कर्मचारियों के चेहरे से नकाब उतर जाएगा।
एनसीएल प्रबंध को दुद्धीचुआ क्षेत्र में कोयले कांटे पर पकड़ी गई खेल को विशेष जांच कर पूरे मामले का पर्दाफाश करना चाहिए क्योंकि गाहे-बगाहे कोयला चोरी के मामले प्रकाश में आने से एनसीएल की साख पर बट्टा लगता है।
