
बीजीआर-वीपीआर कंसोर्टियम कंपनी (BGR-VPR CONSORTIUM) के मजदूरों ने कंपनी पर लगाया धोखाधड़ी करने का आरोप। सोनभद्र जिले के शक्तिनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत एनसीएल खड़िया परियोजना में कार्य कर रही ओवरबर्डन कंपनी बीजीआर-वीपीआर कंसोर्टियम (BGR-VPR CONSORTIUM) के श्रमिकों ने फर्जी तरीके से स्टांप पेपर हस्ताक्षर कराने का आरोप कंपनी प्रबंधन पर लगाते हुए शक्तिनगर थाना प्रभारी और सोनभद्र जिला अधिकारी को ज्ञापन सौंपा है। कंपनी के मजदूरों ने ग्रेच्युटी सहित संडे हाजिरी, बोनस भुगतान आदि मांगों को लेकर कानपुर श्रम आयुक्त (LABOUR COMMISSIONER) के पास कुछ दिन पूर्व शिकायत दर्ज कराई थी। जिसके बाद बीजीआर-वीपीआर कंसोर्टियम कंपनी प्रबंधन (BGR-VPR CONSORTIUM) द्वारा आंशिक पढे मजदूरों को गलत जानकारी देकर हस्ताक्षर करा लिया गया। जिसके बाद अपने अधिकारों का हनन होते देख श्रमिकों ने प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई है।
स्टांप पेपर पर बीजीआर-वीपीआर कंसोर्टियम कंपनी (BGR-VPR CONSORTIUM) द्वारा फर्जी तरीके से कराए गए मजदूरों के हस्ताक्षर को निरस्त करने की मांग को लेकर श्रमिकों ने शक्तिनगर थाना प्रभारी और सोनभद्र जिला अधिकारी से न्याय की गुहार लगाई है। एनसीएल खड़िया परियोजना में ओवरबर्डन का कार्य कर रही बीजीआर-वीपीआर कस्टोडियम द्वारा ओबी हटाने का कार्य किया जाता है। अब जब कंपनी का कार्य समाप्ति की तरफ है तो श्रमिकों में बोनस भुगतान और ग्रेच्युटी भुगतान के लिए कंपनी के आनाकानी करने के बाद कानपुर श्रम आयुक्त को शिकायत की गई है। श्रम आयुक्त के शिकायत की सूचना मिलने के बाद कंपनी प्रबंधन द्वारा आंशिक रूप से कम पढ़े लिखे मजदूरों को गलत जानकारी देकर फर्जी तरीके से स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर कराने का आरोप मजदूरों ने लगाया है।
प्रशासन को दिए तहरीर में बीजीआर-वीपीआर कंसोर्टियम कंपनी (BGR-VPR CONSORTIUM) के मजदूरों ने कंपनी के अधिकारी राजेंद्र रेड्डी, राघव, अरुण तिवारी, रवि बघेल व परिचित सिंह चंदेल पर डरा धमका कर स्टांप पेपर पर गलत तरीके से हस्ताक्षर कराने का आरोप लगाया है। मजदूरों ने थाना प्रभारी और जिलाधिकारी से गुहार लगाई है कि यदि हमारे यह हमारे परिवार के साथ किसी प्रकार की क्षति पहुंचती है तो इसका जिम्मेदार बीजीआर-वीपीआर कंसोर्टियम कंपनी के साथ एनसीएल खड़िया परियोजना प्रबंधन (NCL KHADIA PROJECT) व एनसीएल खड़िया परियोजना महाप्रबंधक होंगे।
आनंद पटेल, रंजीत सिंह, प्रिंस तिवारी, अक्षत कुमार, रवि तिवारी, शैलेंद्र चौहान, ब्रह्मानंद गिरी, चंदन जायसवाल सहित दर्जनभर श्रमिकों ने शक्तिनगर थाना प्रभारी और सोनभद्र जिला अधिकारी के नाम ज्ञापन सौंपा है।

बीजीआर-वीपीआर कंसोर्टियम कंपनी (BGR-VPR CONSORTIUM) कार्मिक अधिकारी अरुण तिवारी ने फोन पर बताया कि सभी मजदूरों ने समझौता पत्र को पढ़ने व समझने के बाद ही अपनी सहमति से स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर किए हैं। कंपनी द्वारा किसी भी मजदूर के साथ कोई जोर जबरदस्ती नहीं की गई है। एक मजदूर द्वारा समझौता पत्र में लिखें बिंदुओं को पढ़कर सभी मजदूरों को सुनाया गया, जिसके बाद श्रमिकों ने स्टांप पेपर पर हस्ताक्षर किए।
एनसीएल की परियोजनाओं में ओवरबर्डन का कार्य कर रही आउटसोर्सिंग कंपनियों और मजदूरों के बीच विरोध का जिन्न, गाहे-बगाहे मुखर होता रहता है। हर आउटसोर्सिंग कंपनी के शुरुआत और काम समाप्त होने के समय मजदूरों और कंपनी प्रबंधन के बीच टकराव की खबर आम बात सी हो गई है।
यह एक परंपरा से बनती जा रही है कि जब तक अपने अधिकारों के लिए मजदूर थाना और कचहरी का चक्कर नहीं लगाएंगे, तब तक आउटसोर्सिंग कंपनियां उनके बोनस व ग्रेजुएटी का भुगतान नहीं करती है। एनसीएल प्रबंधन को आउटसोर्सिंग कंपनियों के भुगतान के संबंध में ठोस नीति अपनानी होगी, जिससे निकट भविष्य में टकराव की संभावनाओं को टाला जा सके।
