
कोयला परिवहन के कारण रोज लग रहा जाम, कोई नहीं सुन रहा जनता की फरियाद। कोयला परिवहन की गाड़ियों के कारण ऊर्जांचल में प्रतिदिन भीषण जाम लगना जनता के जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। जाम के झाम में पिसती बेबस जनता एनसीएल की कोयला परिवहन की गाड़ियों के कारण नरकीय जीवन जीने को मजबूर है। रविवार को सुबह दस बजे से कोयला परिवहन की गाड़ियों के कारण जो जाम लगने का सिलसिला शुरू हुआ, वह शाम तक चलता रहा। गंभीर मरीजों को वाराणसी इलाज के लिए लेकर जा रही एंबुलेंस भी कई घंटे तक जाम में फंसी रही। कड़ी मशक्कत के बाद जैसे तैसे ग्रामीणों ने एंबुलेंस को जाम से बाहर निकलवाया।

कोयला परिवहन की गाड़ियों के कारण जयंत बॉर्डर से लेकर शक्तिनगर बस स्टैंड तक लगभग तीन किलोमीटर तक गाड़ियां खड़ी हो गई। जाम के कारण गाड़ियों के पहिए इस कदर थमे की दोपहर तक जो जहां था वहीं खड़ा रहा। ट्विटर पर मुख्यमंत्री और जिलाधिकारी तक शिकायत पहुंचने के बाद स्थानीय पुलिस प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर जाम खुलवाने के प्रयास तेज किए। लेकिन जयंत-शक्तिनगर मुख्य मार्ग के दोनों किनारे सड़क पर ही कोयला परिवहन की ट्रक-ट्रेलरों को आड़े तिरछे खड़ी करने के कारण जाम इतना भीषण था कि पुलिस प्रशासन के भी पसीने छूट गए।

कोयला परिवहन की गाड़ियों के कारण लगने वाला जाम दिनचर्या का हिस्सा – नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड सिंगरौली के कोयला खदानों से सड़क मार्ग से हो रहे कोयला परिवहन के कारण सोनभद्र व सिंगरौली जिले के सीमावर्ती क्षेत्रों में प्रतिदिन जाम लगना जनता के दिनचर्या का हिस्सा बन गया है। जयंत-मोरवा मार्ग, जयंत-शक्तिनगर मुख्य मार्ग, शक्तिनगर बोदरा बाबा खड़िया बाजार मार्ग, बीना-बांसी मुख्य मार्ग पर कोल ट्रांसपोर्ट के तांडव के कारण आए दिन जाम लगता रहता है। जनता के शिकायत के बावजूद भी एनसीएल प्रबंधन द्वारा कोयला परिवहन की गाड़ियों को खड़ी करने के लिए कोई वैकल्पिक रास्ता नहीं अपनाने से जनता व प्रबंधन के बीच टकराव की स्थिति उत्पन्न होती रहती है। ड्यूटी से लेकर स्कूली बसों तक का रोज इस जाम में फंसकर घंटों समय बर्बाद होता है।

सीएम योगी के आदेश के बाद भी मुख्य मार्ग पर खड़ी होती है गाड़ीयां – कुछ दिन पूर्व मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सार्वजनिक रूप से कहा था कि सड़क पर गाड़ियों की खड़ी करने की मनाही होगी और यदि कोई ऐसा करते हुए मिलता है तो उस पर उचित वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। लेकिन सोनभद्र जिले के शक्तिनगर थाना क्षेत्र अंतर्गत एनसीएल दुद्धीचुआ परियोजना समीप जयंत शक्तिनगर मुख्य मार्ग पर कोयला परिवहन के ट्रेलर और ट्रक बेरोकटोक मुख्य सड़क पर ही कई किलोमीटर कतार लगाकर खड़े होते हैं। ऐसे में सीएम योगी के आदेश को भी ठेंगा दिखाते हुए कोल ट्रांसपोर्टरों का तांडव जारी है और आम जनता की फरियाद सुनने वाला कोई नहीं है।
कोल ट्रांसपोर्ट का तांडव : लापरवाह एनसीएल प्रबंधन, बेपरवाह प्रशासन और बेबस जनता।
एनसीएल प्रबंधन का कोल संकट व राष्ट्रहित का डफली – एनसीएल कोयला खदानों से निकलने वाले कोयले को सड़क मार्ग से परिवहन करने के कारण लोगों की सांसों में कोयला खुल रहा है, जिससे उनकी जिंदगी जहर बन रही है। आम जनमानस जब कभी एनसीएल प्रबंधन से समस्या के निस्तारण हेतु वार्ता करता है तो एनसीएल प्रबंधन के अधिकारियों द्वारा हमेशा पावर प्लांटों में कोल संकट को देखते हुए राष्ट्रहित में कोयला परिवहन का राग अलापा जाता है। जब-जब जनता आक्रोशित होकर विरोध प्रदर्शन करती है तो एनसीएल प्रबंधन द्वारा यही राग अलाप आ जाता है और समस्या अनवरत जस की तस बनी रहती है।
कोयला परिवहन के खिलाफ जनता में बढ़ रहा आक्रोश – कोयला परिवहन की गाड़ियों के कारण प्रतिदिन जाम की समस्या से जनता में रोष बढ़ रहा है। एनसीएल प्रबंधन द्वारा कोई ठोस निष्कर्ष ना निकालने और सिर्फ आश्वासन देने के कारण बेबस जनता, त्रस्त होकर कभी भी चक्का जाम पर उतारू हो सकती है। एसडीएम और पुलिस के आला अधिकारियों के कहने के बाद भी एनसीएल दुद्धीचुआ प्रबंधन अंबेडकरनगर ग्रामीणों की समस्या पर ध्यान नहीं दे रहा। जिस कारण ग्रामीण कभी भी आक्रोशित होकर कोयला परिवहन के पहिए को रोक सकते हैं।
