
DRAUPADI MURMU (द्रौपदी मुर्मू) : जानें जूनियर असिस्टेंट से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनने का सफर। झारखंड प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) राष्ट्रपति चुनाव के लिए एनडीए गठबंधन की उम्मीदवार होंगी। भारतीय जनता पार्टी ने उनकी उम्मीदवारी पर मुहर लगा दिया। उड़ीसा में सिंचाई व बिजली विभाग में जूनियर असिस्टेंट के पद पर कार्य करने से लेकर एनडीए की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार नामित होने तक का सफर द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) के लिए बेहद चुनौतीपूर्ण रहा।
20 जून 1958 को संथाल समुदाय में जन्मीं द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) ने 1997 में रायरंगपुर नगर पंचायत में पार्षद के रूप में अपना राजनीतिक सफ़र शुरू किया और वर्ष 2000 में ओड़ीसा सरकार में मंत्री बनीं। 2014 में केंद्र में भाजपा सरकार बनने के बाद 2015 में द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) को झारखंड की पहली महिला राज्यपाल पद की जिम्मेदारी सौंपी गई।

द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) ओड़ीसा की रायरंगपुर विधानसभा से दो बार विधायक रही हैं। भुवनेश्वर के रमा देवी महिला कॉलेज कला में स्नातक द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) भाजपा ओड़ीसा इकाई की अनुसूचित जनजाति मोर्चा (BJP ST Morcha) की अध्यक्ष भी रही हैं। वर्ष 2013 में भारतीय जनता पार्टी राष्ट्रीय कार्यकारिणी (अनुसूचित जनजाति मोर्चा) के सदस्य के रूप में नामित हुई।
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए का पलड़ा भारी- President Election – राष्ट्रपति चुनाव में संख्या बल के आधार पर भाजपा सहयोगी दलों के साथ एनडीए गठबंधन मजबूत स्थिति में है। द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) की उम्मीदवारी के बाद माना जा रहा है कि बीजू जनता दल (BJD) व वाईएसआर कांग्रेस (YSR Congress) जैसे दलों का भी समर्थन मिल सकता है। मौजूदा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई को समाप्त हो रहा है।
द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) का जीवन संघर्षपूर्ण – श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का विवाह श्याम चरण मुर्मू के साथ हुआ था। पति और पुत्रों की आकस्मिक मौत के बाद श्रीमती द्रौपदी मुर्मू अपनी एक बेटी-दामाद व नातिन के साथ राजभवन में रहती थीं। द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) की बेटी रांची में हूं एक बैंक में कार्यरत थीं। सादा जीवन और शाकाहारी का पालन करने वाली श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ब्रम्हाकुमारी निर्मला ईश्वरीय विश्वविद्यालय से जुड़ी रहीं।
द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) का राज्यपाल के रूप में कार्यकाल- 18 मई 2015 को झारखंड के नौवें राज्यपाल के रूप में श्रीमती द्रौपदी मुर्मू ने योगदान दिया था। वह झारखंड प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल बनीं। अपना राज्यपाल के रूप में 5 वर्ष का कार्यकाल 18 मई 2020 को पूरा किया, लेकिन कोरोना महामारी के कारण राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा नई नियुक्ति नहीं किए जाने से श्रीमती मुर्मू के कार्यकाल का विस्तार हो गया। 6 जुलाई 2021 को झारखंड के नए राज्यपाल रमेश बैस की अधिसूचना जारी होने तक श्रीमती द्रौपदी मुर्मू का कार्यकाल 6 वर्ष 1 माह 18 दिन का रहा।
जनजातीय मामलों व शिक्षा सुधार के लिए द्रौपदी मुर्मू की अलग पहचान – द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) अपने राज्यपाल के कार्यकाल के दौरान कभी भी विवादों का सामना नहीं किया। जनजातीय मामलों, शिक्षा, कानून व्यवस्था व स्वास्थ्य को लेकर हमेशा सजग रहीं। भाजपा सरकार द्वारा जारी संशोधन विधेयक सीएनटी-एसपीटी (CNT-SPT) को वापस कर दिया। साथ ही टीएसी से भी संबंधित संचिका आपत्ति के साथ लौटा दी थी। झारखंड प्रदेश के खूंटी में पत्थलगड़ी की समस्या के समाधान के लिए अथक परिश्रम किया।
मुंडा, मानकी और अन्य समाज से जुड़े वरिष्ठ जनों को राजभवन बुलाकर समस्या निस्तारण हेतु पहल किया। झारखंड विधानसभा में नियुक्ति व पदोन्नति (Selection & Promotion) में बरती गई खामियों पर कार्रवाई की अनुशंसा किया। श्रीमती द्रौपदी मुर्मू (DRAUPADI MURMU) राज्यपाल रहते कुलाधिपति के रूप में प्रदेश में उच्च शिक्षा में सुधार के लिए लगातार प्रयत्नशील रहीं।
