
ऊर्जांचल में चलेगा बुलडोजर? कब्जा मुक्त होगा अतिक्रमण या आदेश तक ही करवाई रहेगी सीमित?
ध्वस्तीकरण कार्रवाई से पहले एनसीएल सिक्योरिटी ने घेराबंदी कराया।
उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ के दोबारा मुख्यमंत्री बनने के बाद पूरे प्रदेश में बाबा का बुलडोजर अवैध अतिक्रमणकारियों व भू-माफियाओं पर चल रहा है। इसी बीच आमजन में चर्चा जारी थी कि सोनभद्र में भी बाबा के बुलडोजर के दर्शन होंगे या नहीं, जिस पर पिछले दिनों जबरन सरकारी जमीन पर कब्जा कर बनाए गए अवैध होटल व दुकान को ध्वस्तीकरण हेतु दी थी वह मजिस्ट्रेट की नियुक्ति तय की गई। परंतु हर जगह चर्चा जोरों पर है कि क्या गरीबों के झुग्गी झोपड़ियों को अवैध अतिक्रमण बता कर गिराने वाला सुरक्षा विभाग अमीरों पर कार्रवाई कर पाता है कि नहीं?
एनसीएल खड़िया परियोजना की सरकारी जमीन पर जबरन कब्जा कर बनाए गए होटल व दुकान को ध्वस्तीकरण कर कबजा मुक्त कराए जाने की तैयारियों के क्रम में एनसीएल खड़िया राजस्व व सुरक्षा विभाग द्वारा चिन्हित स्थान के आसपास घेराबंदी करा दी गई। बांस बल्ली व रस्सियों के सहारे सुरक्षित घेरा बनाकर करवाई वाले स्थान को सुनिश्चित किया गया। शक्तिनगर थाना प्रभारी निरीक्षक बृजेश कुमार मिश्रा ने मौके पर पहुंचकर पूरे घटनाक्रम का जायजा लिया।
एनसीएल खड़िया की जमीन पर जबरन कब्जा कर शक्तिनगर बस स्टैंड में बने होटल व होटल के बगल में दुकान को कब्जा मुक्त करने हेतु चार मई की तिथि निश्चित की है और मजिस्ट्रेट की तैनाती कर दी है। ध्वस्तीकरण की करवाई से एक दिन पूर्व पुलिस प्रशासन की उपस्थिति में एनसीएल खड़िया सुरक्षा कर्मियों द्वारा उक्त स्थान की घेराबंदी की गई। एनसीएल खड़िया की तरफ से राजस्व अधिकारी राजाराम यादव, बीना चौकी प्रभारी अश्वनी राय, सुरक्षा अधिकारी एसपी सिंह और एनसीएल खड़िया एसआई शिवेंद्र सिंह सहित भारी संख्या में सुरक्षाकर्मी उपस्थित रहे।
होटल व दुकान के बाहर एनसीएल खड़िया द्वारा न्यू टीचर्स का किया गया है जिसमें चार मई को ध्वस्तीकरण से पूर्व होटल और दुकान को खाली करने का निर्देश दिया गया है। समय-समय पर एनसीएल खड़िया सुरक्षा विभाग द्वारा होटल के बाहर लाउडस्पीकर से घोषणा किया गया कि होटल को गिराने की कार्रवाई होनी है, उससे पुर्व होटल व दुकान को खाली कर दें।
वहीं आसपास के जनमानस में चर्चा जोरों पर है कि पहले भी दो बार होटल को गिराने का नोटिस दिया जा चुका था लेकिन पर्याप्त पुलिस बल की व्यवस्था ना होने के कारण ध्वस्तीकरण की करवाई नहीं हो सकी। लोग आ रहे हैं कि क्या इस बार करवाई होगी या फिर से हो-हल्ला के बाद सब कुछ ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।
