
दुनिया में दूसरे नंबर पर मुरादाबाद (यूपी) का ध्वनि प्रदूषण।
संयुक्त राष्ट्र (United Nation) द्वारा जारी वार्षिक रिपोर्ट में बांग्लादेश (Bangladesh) की राजधानी ढाका (Dhaka) के बाद उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद (Muradabad) जिले को ध्वनि प्रदूषण में विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषित शहर माना गया है। वैश्विक स्तर पर जारी आंकड़ों के अनुसार मुरादाबाद विश्व का दूसरा सबसे ज्यादा ध्वनि प्रदूषित शहर है। संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में मुरादाबाद शहर दुनिया में सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषित शहरों की सूची में दूसरे नंबर पर है।मुरादाबाद में अधिकतम 114 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण दर्ज किया गया है। यूएन की इस रिपोर्ट में दुनियाभर के 61 शहरों को स्थान मिला है। मुरादाबाद के अलावा देश के चार अन्य शहर भी इस सूची में शामिल हैंं। इनमें कोलकाता (Kolkata) और बिहार (Bihar) का 89 डेसिबल, राजस्थान (Rajsthan) की राजधानी जयपुर (Jaipur) 84 डेसिबल और दिल्ली (Delhi) 83 डेसिबल ध्वनि प्रदूषण के साथ सूची में शामिल है।
उत्तर प्रदेश के जनपद मुरादाबाद को वैश्विक सूची में दूसरे पायदान पर जगह मिली है। दरअसल संयुक्त् राष्ट्र के पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) के तहत एनुअल फ्रंटियर रिपोर्ट 2022 जारी की गई है। सूची में शहरों के ध्वनि प्रदूषण स्तर को बताया गया है। जिसके अनुसार बांंग्लादेश की राजधानी ढाका दुनिया का सबसे अधिक ध्वनि प्रदूषित शहर है। दूसरे नंबर पर उत्तर प्रदेश का जनपद मुरादाबाद आया है।भारत में ध्वनि प्रदूषण लगातर बढ़ रहा है। ये बढ़ता ध्वनि प्रदूषण का स्तर अनेकों बीमारियों को जन्म दे रहा है।
मुरादाबाद विश्वविद्यालय के प्रोफेसर और विज्ञान विशेषज्ञ डॉ0 आनंद सिंह का मानना है कि आज जो ये ध्वनि प्रदूषण में मुरादाबाद दूसरे नम्बर पर दिख रहा है। यह चिंताजनक बात है। लेकिन इसके लिए जरूरी यह है कि सबसे पहले यहां पर जो रोड की कंडीशन है वह ठीक की जाए। एक स्थान पर गाड़ियां इकट्ठा ना हो और स्पीड उनकी जब बढ़ेगी तो निश्चित रूप से रोड्स क्लियर होंगे, हॉर्न भी कम बजेंगे और उससे जो ध्वनि प्रदूषण का लेवल है, वो नीचे आएगा। जिम्मेदारी कि अगर बात है तो यह कहना न केवल सरकारी महकमा जिम्मेदार है, मैं इसको नही मानता। मैं मानता हूं हमारी भी यह नैतिक जिम्मेदारी बनती है की जो हमारा गाड़ी चलाने का तरीका है, कम से कम हम हॉर्न का प्रयोग करें। जो प्रेसर हॉर्न आजकल लोगों ने अपनी गाड़ियों में लगा रखे है, वो वैसे भी नियम विरुद्ध है और नही लगाने चाहिए आदि।
ध्वनि प्रदूषण से कई गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। बहरापन, सिर दर्द, मानसिक तनाव व दिल से जुड़ी बीमारी आदि गंभीर रूप ले सकती हैं। समय रहते यदि ध्वनि प्रदूषण को काबू में नहीं किया गया तो बड़ी आबादी इसकी शिकार हो सकती है।
