
मुख्य विकास अधिकारी ने विद्यालयों का निरीक्षण कर दिए आवश्यक दिशा निर्देश।
मुख्य विकास अधिकारी डाॅ0 अमित पाल शर्मा द्वारा प्राथमिक विद्यालय, सोनवट, विकास खण्ड रॉबर्ट्सगंज तथा कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय घोरावल का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के समय शेषनाथ चैहान, उपायुक्त, श्रम रोजगार, जिला पंचायत राज अधिकारी तथा खण्ड विकास अधिकारी, घोरावल उपस्थित रहे।
प्राथमिक विद्यालय सोनवट (विकास खण्ड रॉबर्ट्सगंज) – विद्यालय का निरीक्षण किया गया। विद्यालय में 02 सहायक अध्यापक क्रमशः श्रीमती मनीषा एवं आनन्द विश्वकर्मा तथा प्रेमचन्द्र देव पाण्डेय शिक्षामित्र कार्यरत है। विद्यालय में बच्चों का इनरोलमेन्ट काफी कम है। आज निरीक्षण के समय कक्षा-1 में 15 के सापेक्ष 11, कक्षा-2 में 12 के सापेक्ष 11, कक्षा-3 में 08 के सापेक्ष 04, कक्षा-4 में 14 के सापेक्ष 14 तथा कक्षा-05 में 24 के सापेक्ष 19 बच्चें उपस्थित थे। विद्यालय में पानी की व्यवस्था है, परन्तु शौचालय की साफ-सफाई संतोषजनक नहीं है। ग्राम प्रधान को निर्देशित किया गया कि वे नियमित रूप से साफ-सफाई का कार्य कराना सुनिश्चित करें।
कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय, घोरावल – इस विद्यालय का आकस्मिक निरीक्षण किया गया। यह आवासीय विद्यालय है। अधीक्षिका श्रीमती पार्वती देवी हैं, परन्तु वे अस्वस्थ हैं, मौके पर उपस्थित अध्यापिकाओं द्वारा पठन-पाठन का कार्य किया जा रहा था। पूछ-ताछ के दौरान इस विद्यालय में पढ़ने वाली बालिकाओं ने बताया कि मच्छरदानी की व्यवस्था नहीं है। तत्क्रम में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया गया कि दो दिन के भीतर जनपद के समस्त कस्तूरबा विद्यालयों में मच्छरदानी की व्यवस्था सुनिश्चित कराकर अवगत कराना सुनिश्चित करें।
इसके अतिरिक्त यह भी पाया गया कि सीसीटीवी कैमरा खराब है। इसके पूर्व भी निरीक्षण के समय इस विद्यालय के अलावा अन्य कस्तूर बाविद्यालयों में लगा सीसीटीवी कैमरा खराब पाया गया था, परन्तु बेसिक शिक्षा अधिकारी द्वारा इसे ठीक नहीं कराया गया। इस संबंध में जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया जाता है कि तीन दिवस के भीतर जनपद के समस्त कस्तूरबा विद्यालयों में लगे सी0सी0टी0वी0 कैमरा क्रियाशील कराकर अवगत कराना सुनिश्चित करें। उपरोक्त दोनों बिन्दुओं पर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी स्वंय उपस्थित होकर अनुपालन आख्या उपलब्ध करायेंगे।मध्यान्ह भोजन के रूपमें मीनू के अनुसार चावल, दाल, रोटी तथा सब्जी बनी थी तथा बालिकाओं द्वारा भोजन किया जा रहा था।
