
शादी में डीजे बजा तो नहीं होगा निकाह , मुस्लिम धर्म गुरुओं ने किया फैसला।
मुस्लिम धर्मगुरुओं ने आपस में बैठक कर आम सहमति से निर्णय पास किया है कि किसी भी शादी में यदि डीजे बजेगा नाच गाना होगा तो उस शादी में कोई भी ईमाम निकाह नहीं पढ़ाएंगे।
झाँसी। मुस्लिम धर्म गुरुओं ने प्रेम नगर स्थित पुलिया नंबर 9 के एक मैरिज हॉल में आयोजित बैठक में सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि जिस शादी में डीजे, शराब, बारात चढ़ाना, डांस या ढोल बजाया गया तो उसमें कोई भी आलिम या इमाम निकाह नहीं पढ़ाएंगे। साथ ही सामाजिक बुराइयां दूर करने का आह्वान किया गया।
शहर काजी मुफ्ती साबिर अंसारी ने कहा कि इस्लाम में डांस, बारात चढ़ाना, गाना, डीजे व ढोल आदि बजाना सब हराम कार्य है तथा इस्लाम में इनका कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि जो इन रस्मों को करता है, उसके दिल में न तो नबी हजरत मोहम्मद की मोहब्बत है, न ही इस्लाम की और न ही उसके दिल में ईमान है।
शादी विवाह किसी भी धर्म और जाति का हो संगीत के बिना अधूरा सा लगता है। ऐसे में झांसी के मुस्लिम धर्म गुरुओं का डीजे बजाने पर निगाह नहीं पढ़ाने का फैसले का विरोध यदि होता है तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी।