
यूपी चुनाव के बीच हिजाब विवाद।
कर्नाटक के उडुपी जिले के पीयू कॉलेज से शुरु हुआ हिजाब विवाद अब यात्रा करते हुए यूपी चुनाव तक आ पहुंचा है। इस प्रकरण पर लगभग देश के सभी बड़े-बड़े नेताओं ने अपना बयान दिया है। इसी मामले में यूपी के मुख्यमंत्री सीएम योगी ने भी हिजाब विवाद पर कहा कि देश शरिया से नहीं संविधान से चलता आया और उसी से चलेगा। लेकिन बुधवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जनपद के रहने वाले मुफ्ती जुल्फिकार अली ने भी सीएम योगी के बयान पर पलटवार करते हुए निशाना साधा और कहा मुख्यमंत्री देश को कितना संविधान से चला रहे हैं? यह सबको पता है। दरअसल आपको बता दें मुफ्ती जुल्फिकार अली की मानें तो हिजाब का संबंध शर्मो हया से है और जिसमें जितनी शर्म होगी वह उतना ही हिजाब धारण करेगी। वहीं महोदय मुफ़्ती की माने तो भारतीय संस्कृति के अनुसार बेटी व बच्चियों को आजादी है चाहे वह हिजाब पहने या ना पहने, वही जुल्फिकार मुफ्ती साहब की माने तो इस्लाम धर्म के अंदर पर्दा वाजिब है, लेकिन स्टूडेंट बच्चियों को आजादी है वह हिजाब करें या ना करें।
हिजाब विवाद का संबंध देश की राजधानी दिल्ली से 2000 किलोमीटर दूर तमिलनाडु प्रदेश के उडुपी जिले के पीयू सरकारी कॉलेज से है, जहां अक्टूबर 2021 में छात्राओं ने कॉलेज प्रशासन से हिजाब पहनने की मांग रखा और 31 दिसंबर को छात्राओं को हिजाब पहनने के कारण कॉलेज में प्रवेश नहीं दिया गया। इस मुद्दे पर तमाम राजनीतिक पार्टियों के समर्थन और बयान के बाद छात्राओं ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया।
उडुपी जिले के एमजीएम कॉलेज में हिजाब और भगवा की लड़ाई शुरू हो गई। कुछ छात्राएं हिजाब पहनकर कॉलेज में पहले आई और उसके बाद दूसरा पक्ष पगड़ी और भगवा शॉल ओढ़कर कॉलेज आ गया। फिलहाल यह मामला हाईकोर्ट में है और न्यायालय ने दोनों पक्षों से शांति बनाए रखने की अपील की है।
