
पुलिस व पत्रकारों में चुनाव कवरेज को लेकर नोकझोंक।
कन्नौज। न्यूज़ कवरेज के दौरान पुलिस व पत्रकारों के बीच नोकझोंक व तल्खी अक्सर सुनने को मिलती है। ताजा मामला कन्नौज से है जहां चुनाव कवरेज करने गए पत्रकारों को रोकने पर पुलिस के साथ बहस की खबरें आ रही हैं। जनपद में विधानसभा चुनाव को लेकर कलेक्ट्रेट परिसर में पत्रकारों को उस समय रोक दिया गया जब वह चुनावी कवरेज करने कलेक्ट्रेट पहुंचे थे। यहां मौजूद पुलिसकर्मियों ने पत्रकारों को आईडी कार्ड के बिना अंदर घुसने नहीं दिया। जिस पर पत्रकारों ने कड़ी आपत्ति जताते हुए पुलिस विभाग के उच्च अधिकारियों से शिकायत किया। इसपर अपर पुलिस अधीक्षक डॉ अरविंद कुमार द्वारा मामला सुलझाने के बजाय उल्टा पत्रकारों पर ही धौंस जमाने लगे।
इस मामले में जब पत्रकारों द्वारा सूचना विभाग से संपर्क किया गया तो जिला सूचना अधिकारी ने मौके पर पहुंचकर पत्रकारों का परिचय कराया, लेकिन अपर पुलिस अधीक्षक ने सूचना अधिकारी की भी बात मानने से इनकार कर दिया और अपने अड़ियल रवैये पर अड़े रहे, इससे पत्रकारों में भारी नाराजगी दिखाई दिया। जिसको लेकर नाराज पत्रकारों ने कलेक्ट्रेट परिसर में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया। पूरे मामले को लेकर वरिष्ठ पत्रकार रजनीश तिवारी ने बताया कि अपर पुलिस अधीक्षक द्वारा सिपाहियों को निर्देशित किया गया कि वह पत्रकारों को अंदर घुसने ना दें। उन्होंने कहा कि सूत्रों से पता चला है कि ऐसी चर्चा चल रही है कि जिला प्रशासन व पुलिस सत्ता पक्ष के प्रत्याशी का साथ दे रहा है।
वहीं वरिष्ठ पत्रकार नित्य मिश्रा ने कहा कि पुलिस और नेताओं के गठजोड़ की अंदर खाने खिचड़ी पक रही है। पत्रकारों को इसलिए रोका जा रहा है कि कहीं पत्रकार उनके इस गठजोड़ को बेनकाब ना कर दें। जिले के पत्रकारों को पत्रकार संगठनों का भी समर्थन मिलने लगा है। पत्रकार संगठन के लोगों ने कलेक्ट्रेट पहुंचकर इस मामले में उच्च अधिकारियों से हस्तक्षेप की मांग की है। पत्रकार सहायता समिति उत्तर प्रदेश द्वारा पत्र प्रेषित कर जिला निर्वाचन अधिकारी से दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की गई है।
