
हैवी ब्लास्टिंग से मकान ढ़हा, एक व्यक्ति की मौत।
सिंगरौली। नार्दन कोलफील्ड लिमिटेड के खदानों में हैवी ब्लास्टिंग के कारण आए दिन आसपास के क्षेत्रों में मकान गिरने व दशमी के कारण दुर्घटनाएं होती रहती हैं। समय-समय पर क्षेत्रवासियों द्वारा हैवी ब्लास्टिंग को लेकर विरोध जताया जाता है। लेकिन दुर्घटना होने के कुछ दिनों के हो हल्ला के बाद सब पुराने ढर्रे पर चलता रहता है। ताजा मामला एनसीएल परियोजना जयंत में दोपहर के समय हैवी ब्लास्टिंग से एक मकान की दीवार गिर गई जहां मेढोली निवासी रामकुमार बसोर नामक युवक मलबे के नीचे दब गया और मौत हो गई। इस घटना के बाद गुस्साए ग्रामीणों व सदर विधायक सिंगरौली चक्का जाम करते हुए धरने पर बैठ गए। घटना सोमवार दोपहर के बाद की है। चक्का जाम व धरना शाम 5:00 बजे से चल रहा है।
जानकारी के मुताबिक मोरवा थाना क्षेत्र के एनसीएल परियोजना जयंत में सोमवार की दोपहर बीपीआर के द्वारा हैवी ब्लास्टिंग की गई थी, कुछ घंटे के बाद मेढोली निवासी रामकुमार बसोर के मकान की दीवार भरभरा कर जमींदोज हो गई। जिसके चपेट में आने से रामकुमार बसोर उम्र 17 वर्ष कि मलबे के नीचे दबने से मौत हो गई। वही एक बकरी घायल हो गई। मकान गिरने की आवाज सुनकर परिजन एवं आसपास के लोग बचाने दौड़े तब तक वह गंभीर रूप से घायल हो गया था। आनन-फानन में उपचार के लिए रामकुमार बसोर को नेहरू चिकित्सालय जयंत ले जाया जा रहा था कि रास्ते में ही दम तोड़ दिया। इसके बाद मृतक के परिजन रामकुमार के शव को वापस लेकर मेढोली जयंत मुख्य मार्ग में शव चक्का जाम शुरू कर दिए। घटना की खबर सिंगरौली विधायक राम लल्लू वैश्य को लगी तो मृतक के परिजनों के चक्का जाम का समर्थन करते हुए खुद धरने पर बैठ गए। उधर घटना की खबर पुलिस को लगी जहां मौके पर एसडीओपी मोरवा राजीव पाठक, टीआई मनीष त्रिपाठी, एएसआई अरविंद चौबे सहित भारी संख्या में पुलिस पहुंच स्थिति को काबू करने में जुट गई। बताया जा रहा है कि विधायक व मृतक के परिजन इस बात पर अड़े हैं कि यदि खदान से 500 मीटर के अंदर वारदात हुई है तो संबंधित एनसीएल प्रबंधन के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराई जाए। इसके अलावा मृतक के आश्रितों को नौकरी व मुआवजा के साथ साथ विस्थापित गांव चिन्हित किया जाए और जब तक मेढोली से विस्थापन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो जाती, तब तक ब्लास्टिंग का कार्य रोक दिया जाए।
ग्रामीणों व विधायक के सख्त तेवर को देख एनसीएल जयंत परियोजना दुद्धिचुआ खदान का काम पूरी तरह से बंद कर दिया गया। वहां कार्यरत कर्मचारी भीड़ को देख भागने के लिए मजबूर हो गए। इस दौरान सैकड़ों की संख्या में कोल वाहनों के पहिए थम गए हैं। करीब 4 किलोमीटर दूरी तक वाहनों की लंबी कतारें लगी हुई हैं। हालांकि इस दौरान यात्री बस व कार वाहनों को आने-जाने के लिए मार्ग छोड़ा गया है। केवल कोल व हैवी वाहनों को आने जाने से रोक दिया गया है।
प्राप्त जानकारी अनुसार सोमवार शाम 5 बजे से चक्का जाम और धरना मेढोली में जारी था। इस दौरान विधायक भी आश्रितों के परिजनों के साथ में धरने पर बैठे रहे। एनसीएल प्रबंधन को घटनास्थल पर आने के लिए मांग की जा रही थी, करीब 3 घंटे बाद एनसीएल परियोजना जयंत के मुख्य महाप्रबंधक एवं कार्मिक महाप्रबंधक अन्य स्टाफ के साथ पहुंचे। एनसीएल प्रबंधन के पहुंचते ही लोग आपा खो दिए और जमकर खरी-खोटी सुनाई। पुलिस और विधायक की समझाइश के बाद लोग शांत हुए और विधायक ने ग्रामीणों की एक-एक मांग को एनसीएल प्रबंधन के समक्ष रखा है।
