
एस्सार विस्थापितों ने रोका कोल परिवहन, पहुंचा प्रशासनिक अमला, हुआ समझौता।
20 अगस्त को बैठक पुलिस चौकी बन्धौरा में, स्थानीय लोगों के रोजगार पर होगी चर्चा।
सिंगरौली। एस्सार विस्थापितों द्वारा प्लांट गेट नंबर एक पर रोजगार, बकाया भुगतान एवं विस्थापित गांव के विकास हेतु सोमवार को पूर्व में दिए सूचना अनुसार चक्का जाम किया गया। जिसकी सूचना मिलने पर पुलिस प्रशासन एवं जिले के आला अधिकारी मौके पर विस्थापितों से वार्ता के लिए पहुंचे और कंपनी प्रबंधन व विस्थापितों के बीच समझौता पत्र पर हस्ताक्षर करा कर जाम को खुलवाया। सूत्रों से प्राप्त जानकारी अनुसार एस्सार कंपनी प्रबंधन की ओर से एचआर हेड राजेश सिंह, सिविल हेड ललन सिंह, सीएसआर हेड पंकज दुबे, परवेज आलम आदि ने समझौता पत्र पर हस्ताक्षर किए। वहीं विस्थापित वर्ग से इंद्र कमल शर्मा, ओम प्रकाश जयसवाल, सतीश जायसवाल, सिंधुराम शर्मा, अरविंद कुमार जयसवाल ने हस्ताक्षर किए। सिंगरौली डिप्टी कलेक्टर, एसडीएम माड़ा, एसडीओपी राजीव पाठक, माड़ा थाना प्रभारी निरीक्षक रावेंद्र द्विवेदी एवं बन्धौरा चौकी प्रभारी प्रियंका मिश्रा की उपस्थिति में समझौता पत्र तैयार किया गया।
एस्सार विस्थापितों द्वारा पूर्व में जिलाधिकारी सिंगरौली को दिए ज्ञापन में कहा गया था कि यदि कंपनी प्रबंधन समय रहते रोजगार एवं बकाया भुगतान पर ठोस निर्णय नहीं लेता है तो 26 जुलाई को चक्का जाम किया जाएगा। जिसके अनुसार विस्थापितों ने सोमवार को एस्सार प्लांट गेट नंबर एक पर धरना देकर जाम कर दिया। गेट नंबर एक जाम होने से कोल परिवहन की गाड़ियां सड़कों पर खड़ी होने लगी। जाम की सूचना जिला आला अधिकारियों को लगी तो मौके पर पहुंचे प्रशासनिक अधिकारी विस्थापितों को समझाने बुझाने में लग गए और कंपनी प्रबंधन से वार्ता कर समझौता पत्र तैयार कराया गया।
एस डाइक के सार्क कंपनी द्वारा स्थानीय ठेकेदारों का बकाया भुगतान पर होगी बैठक।
समझौता पत्र में जिला के आला अधिकारी व प्रशासनिक अधिकारियों की उपस्थिति में एस्सार पावर प्लांट प्रबंधन ने विस्थापितों को रोजगार देने, सार्क कंपनी से संविदाकारों का बकाया भुगतान, ग्राम पंचायत करसुआ लाल से खैराही पहुंच मार्ग व नगवा पहुंच मार्ग की मरम्मत को प्राथमिकता और नगवा विस्थापित कॉलोनी में बिजली-पानी की समस्या त्वरित रूप से निराकरण कंपनी प्रबंधन द्वारा कराए जाने समझौता पत्र एवं मांग पत्र पर विस्थापित एवं कंपनी प्रबंधन के बीच हस्ताक्षर हुए।
अगली बैठक तक विस्थापितों ने कोई भी आंदोलन ना करने का फैसला किया परंतु प्रशासनिक अधिकारियों के सामने एसआर कंपनी प्रबंधन को चेताया कि यदि विस्थापित रोजगार, संविदा कार भुगतान और विस्थापित कॉलोनी का विकास पर ठोस निर्णय नहीं लिया गया तो प्लांट को पूर्ण रूप से बंद करा कर विरोध प्रदर्शन किया जाएगा, जिसकी जिम्मेदारी कंपनी प्रबंधन की होगी।
